hmpv virus news नया नहीं है HMPV वायरस… भारत में 21 साल पहले मिला था पहला केस, सबसे ज्यादा इन लोगों को खतरा

By: KRISHNA PRASAD

On: Monday, June 9, 2025 12:00 AM

hmpv virus
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भारत में hmpv virus के अबतक 7 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं चीन में इस वायरस के संक्रमण से जुड़े केस बढ़ते जा रहे हैं. इन सबके बीच ये सवाल उठना लाजमी है कि क्या ये वायरस नया है या पहले से ही ये वजूद में था

चीन के बाद भारत में भी hmpv virus (मानव मेटाबॉलिक न्यूमोवायरस) ने दस्तक दे दी है. इस नई बीमारी को लेकर लोग खौफ में हैं. कुछ इसकी तुलना कोविड-19 से कर रहे है इस बीच भारत सरकार ने लोगों से अपील की है कि इसको लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. इसके मामलों में वृद्धि से कोविड जैसा प्रकोप नहीं होगा ये कोई नई बीमारी नहीं है. अब ऐसा में सवाल उठता है कि आखिर ये बीमारी आई कहां से और ये कितनी पुरानी है.

भारत में सोमवार को एचएमपीवी के सात मामले सामने आ चुके हैं. इनमें दो बेंगलुरु, नागपुर और तमिलनाडु में और एक अहमदाबाद में पाए गए हैं. चीन में  श्वसन संबंधी  इस नई बीमारी के उछाल के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने चिंताओं को दूर करते हुए कहा कि मामलों में वृद्धि से कोविड जैसा प्रकोप नहीं

नया नहीं है hmpv virus

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है. इसकी पहली बार पहचान 2001 में हुई थी और यह सालों से दुनिया भर में फैल रहा है. वहीं विशेषज्ञों ने कहा कि एचएमपीवी के लिए शायद ही कभी अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है. इसलिए यह ज्यादा चिंताजनक नहीं है.

सामान्य जुकाम और फ्लू जैसे होते हैं लक्षण

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस या hmpv virus एक श्वसन वायरस है जो मानव फेफड़ों और श्वसन नली में इंफेक्शन पैदा करता है. यह सामान्य तौर पर ऐसी स्थितियां पैदा करती है जो सामान्य सर्दी या फ्लू में होता है. पहले से ऐसी बीमारियों या एलर्जी से ग्रस्त लोगों में इस वायरस का संक्रमण आम बात है.

2001 में पहले मामले की हुई थी पुष्टि

hmpv virus एक तरह से पैरामाइक्सोवायरस परिवार का वायरस है. पहली बार इसका मामला 2001 में  पाया गया था. इसके करीबी जेनेटिक संबंध के कारण, यह रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस या RSV से जुड़ा है और इससे संबंधित ही लक्षण भी इसमें दिखते हैं.

भारत में पहली बार 2003 में मिला था मामला

भारत में पहली बार इस वायरस की पुष्टि 2003 में हुई थी. बीजे मेडिकल कॉलेज और एनआईवी पुणे ने पहली बार पुणे में भारतीय बच्चों में एचएमपीवी की पुष्टि की थी  बाद के कई अध्ययनों में भी इस वायरस के मामले सामने आए. 2024 में गोरखपुर में सांस की बीमारी से पीड़ित 100 बच्चों में से 4% में एचएमपीवी के लक्ष्ण पाए गए थे

नीदरलैंड में 1958 से मौजूद है ये HMPV वायरस

इस वायरस की खोज डच वैज्ञानिकों ने 2000 में की थी. जब इस वायरस का पहला मामला पाया गया तो इसके जीनोम का अनुक्रमण 2001 में किया गया था. बाद में, इसके सीरोलॉजिकल अध्ययनों से पता चला कि एचएमपीवी  1958 से ही नीदरलैंड में मौजूद था

बच्चे और बुजुर्गों के लिए संवेदनशील

hmpv virus बच्चे, बूढ़े और उन युवाओं के लिए संवेदनशील हो सकता है जो किसी ऐसी ही बीमारी से ग्रस्त हो और अधिक कमजोर हो गए हो. निमोनिया या ब्रोंकाइटिस  एचएमपीवी अलग-अलग मौसमी पैटर्न में फैलता है, जो अक्सर सर्दियों में बढ़ जाता है. मानव मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से पीड़ित होने पर आमतौर पर खांसी,  छींकने, घरघराहट, बहती नाक या गले में खराश जैसे लक्षण सामने आते हैं. अधिकांश मामले हल्के होते हैं.

KRISHNA PRASAD

I am Krishna Prasad Registered Pharmacist (Allopathic Medicine) Medical Professional & YouTube Founder of Upchar Wala
For Feedback -upcharwala5@gmail.com

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