अध्ययन से पता चला है कि अल्जाइमर के शुरुआती लक्षणों का पता रक्त परीक्षण से लगाया जा सकता है।

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पाया: नया रक्त परीक्षण स्मृति समस्याओं का सटीक पता लगाता है

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक नया रक्त परीक्षण विकसित किया है जो अल्जाइमर रोग के शुरुआती लक्षणों का सटीक पता लगा सकता है। यह परीक्षण रक्त में दो विशिष्ट प्रोटीन (एमाइलॉयड बीटा 42/40 और पी-टॉ 217) की जांच करके काम करता है। ये प्रोटीन अल्जाइमर के दौरान मस्तिष्क में बनने वाले हानिकारक पदार्थों से जुड़े होते हैं।

alzheimer's disease

यह परीक्षण उन लोगों में स्मृति समस्याओं का पता लगाने में 95% सटीक था जिन्हें वास्तव में अल्जाइमर था (जिसका अर्थ है कि बहुत कम मामले छूटे थे)।

यह उन लोगों की पहचान करने में 82% सटीक था जिन्हें अल्जाइमर नहीं था (जिसका अर्थ है कि बहुत अधिक गलत निदान नहीं हुए थे)।

यह जानकारी 500 से अधिक रोगियों के वास्तविक परीक्षण से प्राप्त हुई है।

इसमें क्या खास बात है?

यह रक्त परीक्षण पुराने तरीकों (जैसे कमर से पानी की जांच) जितना ही सटीक है, लेकिन यह आसान, अधिक सुविधाजनक और सस्ता है।

इस परीक्षण को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने मंजूरी दे दी है।

अल्जाइमर के रोगियों के रक्त में स्वस्थ लोगों की तुलना में p-tau217 प्रोटीन का स्तर काफी अधिक पाया गया।

भविष्य की योजनाएँ:

वैज्ञानिक अब इस परीक्षण को कई तरह के लोगों पर आजमाएँगे, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्हें अल्जाइमर है, लेकिन अभी तक उनमें कोई लक्षण नहीं दिखे हैं (जैसे कि भूलने की बीमारी)।

यूके में ‘ब्लड बायोमार्कर चैलेंज’ नामक एक प्रमुख अध्ययन चल रहा है, जिसका लक्ष्य 2029 तक अस्पतालों में इस तरह का रक्त परीक्षण करवाना है।

विशेषज्ञों का कहना है:

डॉ. ग्रेग डे (शोध नेता): “यह परीक्षण वास्तविक दुनिया में बहुत अच्छा काम करता है।”

डॉ. रिचर्ड ओकले (यूके अल्जाइमर सोसाइटी): “यह परीक्षण निदान को तेज़, आसान और अधिक लोगों के लिए अधिक सुलभ बना सकता है। इससे रोगियों को जल्दी उपचार और देखभाल मिल सकेगी।”

डॉ. जूलिया डुडले (अल्जाइमर रिसर्च यूके): “डिमेंशिया के निदान में सुधार करना बहुत ज़रूरी है। इस शोध से पता चलता है कि रक्त परीक्षण ऐसा करने का सबसे सही तरीका हो सकता है।”

निष्कर्ष

यह नया रक्त परीक्षण डिमेंशिया (अल्जाइमर) के निदान का एक बहुत ही सटीक और आसान तरीका साबित हुआ है। यह रोगियों को पुराने, बोझिल और महंगे परीक्षणों का उपयोग करने के बजाय त्वरित और सटीक निदान प्राप्त करने में मदद करेगा, ताकि उन्हें समय पर उपचार और सहायता मिल सके।

1. यह नया ब्लड टेस्ट कैसे काम करता है?

उत्तर: यह टेस्ट खून में दो प्रोटीनों की मात्रा मापता है:

  • एमिलॉइड बीटा 42/40

  • पी-टाऊ217
    ये प्रोटीन अल्जाइमर रोग में दिमाग में जमने वाले हानिकारक प्लाक से जुड़े होते हैं।

उत्तर: 

  • 95% सटीकता उन लोगों में जिन्हें वास्तव में अल्जाइमर है (कम मामले छूटते हैं)।
  • 82% सटीकता उन लोगों में जिन्हें अल्जाइमर नहीं है (गलत पॉजिटिव कम आते हैं)।
    परीक्षण 500+ मरीजों पर किया गया है।
  • यह कमर से रीढ़ की हड्डी का द्रव निकालने (spinal tap) जैसे पुराने तरीकों जितना ही सटीक है।

  • लेकिन यह ज्यादा सस्ता, तेज़ और आसान है।

  • अमेरिका के FDA ने इसे मंजूरी दे दी है।

  • जल्दी पहचान: लक्षण शुरू होने से पहले ही बीमारी का पता चल सकेगा।

  • सही इलाज: डॉक्टरों को सही दवा/देखभाल देने में मदद मिलेगी।

  • कम तकलीफ: खून टेस्ट दर्द रहित और सुरक्षित है।

  • अमेरिका में यह पहले से मंजूर है।

  • ब्रिटेन की NHS इसे 2029 तक लाने की योजना बना रही है (“Blood Biomarker Challenge”)।

  • भारत समेत अन्य देशों में अभी शोध चल रहा है।

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