Dengue Fiver लक्षण, कारण, निदान, उपचार और रोकथाम ||dengue symptoms hindi

Dengue बुखार एक मच्छर जनित वायरल बीमारी है जो दुनिया भर के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों, विशेषकर भारत में, एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है। यह मुख्यतः एडीज इजिप्टी (Aides Aegyptus) और कुछ हद तक एडीज एल्बोपिक्टस (Aides albopictus) नामक मच्छरों के काटने से फैलता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे नहीं फैलता। डेंगू की गंभीरता हल्के बुखार से लेकर जानलेवा डेंगू हैमरेजिक फीवर तक हो सकती है।

कारण (Dengue Causes)

  • मुख्य कारण: डेंगू वायरस (4 प्रकार: DEN-1, DEN-2, DEN-3, DEN-4)। एक बार एक प्रकार से संक्रमित होने पर उस प्रकार के खिलाफ जीवन भर प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है, लेकिन अन्य प्रकारों से संक्रमण का खतरा बना रहता है और अक्सर दूसरी बार संक्रमण अधिक गंभीर हो सकता है।
  • फैलाव का माध्यम: संक्रमित मादा एडीज मच्छर का काटना। ये मच्छर दिन के समय, विशेषकर सुबह और शाम के समय काटते हैं।
  • मच्छरों के प्रजनन स्थान: मच्छर साफ-साफ जमा हुए पानी (जैसे कूलर, गमले, टूटे बर्तन, टायर, प्लास्टिक के डिब्बे, नारियल के खोल, निर्माण स्थलों पर पानी) में अंडे देते हैं।

लक्षण और संकेत (Dengue Signs & Symptoms)

Dengue के लक्षण आमतौर पर मच्छर के काटने के 4-10 दिन बाद दिखाई देते हैं और 2-7 दिनों तक रह सकते हैं। इसमें शामिल हैं:

  • अचानक तेज बुखार (104°F तक)
  • तीव्र सिरदर्द(विशेषकर आँखों के पीछे)
  • मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द(इसे “हड्डी तोड़ बुखार” भी कहा जाता है)
  • जी मिचलाना और उल्टी
  • त्वचा पर लाल चकत्ते(आमतौर पर बुखार शुरू होने के 2-5 दिन बाद)
  • आँखों में दर्द (खासकर आँखों को घुमाने पर)
  • थकान और कमजोरी
  • स्वाद का पता न चलना

गंभीर डेंगू (डेंगू हैमरेजिक फीवर / डेंगू शॉक सिंड्रोम) के चेतावनी संकेत (Warning Signs for Severe Dengue – तुरंत डॉक्टर के पास जाना जरूरी):

  • लगातार उल्टी होना
  • पेट में तेज दर्द
  • मसूड़ों या नाक से खून आना
  • मल या उल्टी में खून आना (काले रंग का मल)
  • सांस लेने में तकलीफ या तेजी से सांस चलना
  • त्वचा का ठंडा, चिपचिपा या पसीने से तर होना
  • अत्यधिक थकान, बेचैनी या चिड़चिड़ापन
  • प्लेटलेट काउंट का तेजी से गिरना
  • पेशाब कम आना

निर्देश (Instructions Dengue यदि डेंगू का संदेह हो तो क्या करें):

  • तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ: स्वयं उपचार न करें। सटीक निदान और उपचार के लिए डॉक्टर के पास जाएँ।
  • भरपूर आराम करें।
  • खूब सारे तरल पदार्थ पिएँ: पानी, ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS), नारियल पानी, सूप, छाछ आदि। डिहाइड्रेशन से बचें।
  • बुखार और दर्द के लिए: डॉक्टर की सलाह के अनुसार सिर्फ पैरासिटामोल (Paracetamol) लें।

इन दवाइयों से बचें:

  • एस्पिरिन (Aspirin)
  • आइबूप्रोफेन (Ibuprofen – Brufen आदि)
  • नैप्रोक्सन (Naproxen)
  • डाइक्लोफेनेक (Diclofenac)

ये दवाएं रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।

  • मच्छरों से बचाव जारी रखें: बीमार व्यक्ति को दूसरे मच्छरों द्वारा काटे जाने से रोकें ताकि वायरस अन्य लोगों में न फैले। मच्छरदानी का प्रयोग करें।

जटिलताएँ (Complications Dengue)

  • डेंगू हैमरेजिक फीवर (DHF): रक्त वाहिकाओं का लीक होना, रक्तस्राव, प्लेटलेट्स में भारी कमी।
  • डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS): DHF का गंभीर रूप, जहां रक्तचाप खतरनाक स्तर तक गिर जाता है, शॉक लग सकता है।
  • अंगों का काम करना बंद कर देना (जिगर, दिल, फेफड़े, गुर्दे)
  • मस्तिष्क में सूजन (इन्सेफेलाइटिस)
  • कोमा
  • मृत्यु (Death): समय पर और उचित इलाज न मिलने पर।

रोकथाम (Prevention Dengue - सबसे महत्वपूर्ण):

चूंकि डेंगू का कोई विशिष्ट दवा से उपचार नहीं है, इसलिए रोकथाम ही सबसे अच्छा उपाय है:

  • मच्छरों के प्रजनन को रोकें (स्रोत नियंत्रण): घर के आसपास पानी जमा न होने दें। कूलर, गमले, पुराने टायर, बर्तन, डिब्बे आदि को सप्ताह में कम से कम एक बार खाली करके सुखाएँ और साफ करें।
  • पानी के बर्तनों को ढककर रखें। नालियों और गटरों को साफ रखें, उनमें पानी जमा न होने दें।
  • पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन रोज साफ करें।
  • मच्छरों के काटने से बचें:
  • मच्छरदानी (Mosquito Net): सोते समय चारपाई पर मच्छरदानी का प्रयोग करें (खासकर बच्चों के लिए)।
  • मच्छर भगाने वाली क्रीम/लोशन (Repellents): शरीर के खुले हिस्सों पर DEET, पिकारिडिन, या नीम/लैवेंडर तेल युक्त प्रभावी रिपेलेंट लगाएं। निर्देशों का पालन करें।
  • कपड़े (Clothing): फुल आस्तीन के कपड़े, फुल पैंट, मोजे पहनें (हल्के रंग के कपड़े बेहतर)।
  • मच्छर भगाने वाले उपकरण (Devices): घर में मच्छर मारने वाली कॉइल, मैट्स या लिक्विड वेपोराइजर का उपयोग करें। खिड़की-दरवाजों पर जाली लगवाएं।
  • दिन के समय विशेष सावधानी: एडीज मच्छर दिन में काटते हैं, इसलिए दिन के समय भी बचाव जरूरी है।
  • सामुदायिक प्रयास: अपने पड़ोस और समुदाय में साफ-सफाई और जल जमाव रोकने के प्रयासों में भाग लें।

उपचार (Treatment Dengue)

कोई विशिष्ट एंटी-वायरल दवा नहीं है। उपचार लक्षणों को कम करने और समस्याओं को रोकने पर केंद्रित है।

  • तरल पदार्थ (Fluids): डिहाइड्रेशन रोकने के लिए खूब तरल पदार्थ देना सबसे महत्वपूर्ण है। गंभीर मामलों में नसों के माध्यम से तरल पदार्थ (IV Fluids) दिए जा सकते हैं।
  • दर्द और बुखार की दवा: केवल पैरासिटामोल (Paracetamol)
  • निगरानी (Monitoring): डॉक्टर बुखार, तरल पदार्थों का संतुलन, रक्तचाप और रक्त जांच (प्लेटलेट काउंट, हीमाटोक्रिट) की करीबी निगरानी करेंगे।
  • गंभीर डेंगू का उपचार: अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है। इसमें IV फ्लूइड्स, ऑक्सीजन थेरेपी, और यदि आवश्यक हो तो रक्त या प्लेटलेट चढ़ाना (Blood/Platelet Transfusion) शामिल हो सकता है।

कुछ medicine ले सकते है Doctor या Pharmacist से सलाह लेकर जैसे

  1. Calpol 500mg ( Paracetamol 500mg ) सुबह दोपहर शाम
  2. Acloc RD रोजाना एक गोली

Antibiotics के तौर पर

  1. Moxikind CV ( Amoxicillin and potassium Clavulanate 1 गोली सुबह शाम खाना खाने के बाद

निष्कर्ष (Conclusion Dengue )

डेंगू एक गंभीर और कभी-कभी जानलेवा बीमारी है जो मच्छरों द्वारा फैलती है। इससे बचाव ही सबसे प्रभावी रणनीति है। घर और आसपास के क्षेत्र को साफ रखकर मच्छरों के प्रजनन को रोकना और मच्छरों के काटने से बचाव करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि डेंगू के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें, केवल पैरासिटामोल लें, खूब तरल पदार्थ पिएं और आराम करें। गंभीर डेंगू के चेतावनी संकेतों को पहचानना और तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेना जीवन रक्षक हो सकता है। सामुदायिक जागरूकता और सहयोग से डेंगू पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ - Frequently Asked Questions)

1. क्या डेंगू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है?

नहीं, डेंगू सीधे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। यह केवल संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। हालाँकि, अगर एक संक्रमित व्यक्ति को कोई मच्छर काटता है और फिर वही मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो वह संक्रमण फैला सकता है।

ज्यादातर मामलों में प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं होती। प्लेटलेट्स का गिरना डेंगू का एक सामान्य लक्षण है और वे खुद-ब-खुद बढ़ने लगते हैं। प्लेटलेट्स चढ़ाना सिर्फ तब जरूरी होता है जब प्लेटलेट काउंट बहुत कम हो (आमतौर पर 10,000/microliter से कम) और साथ में गंभीर रक्तस्राव के लक्षण हों। डॉक्टर की सलाह के बिना प्लेटलेट्स नहीं चढ़वाना चाहिए।

हाँ, डेंगू के लिए टीके उपलब्ध हैं (जैसे Dengvaxia, Qdenga)। हालाँकि, इनका उपयोग सभी के लिए नहीं है। ये टीके आमतौर पर उन क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों और किशोरों (9-16 साल) के लिए अनुशंसित हैं जहां डेंगू बहुत आम है, और जो पहले कम से कम एक बार डेंगू से संक्रमित हो चुके हों (जैसा कि ब्लड टेस्ट से पुष्टि हो)। टीकाकरण से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

हल्का, आसानी से पचने वाला भोजन लें (जैसे दलिया, खिचड़ी, सूप, उबले चावल)। ताजे फलों का रस (विशेषकर कीवी, अनार, पपीता), नारियल पानी, ओआरएस, छाछ पिएं। प्रोटीन के लिए दाल का पानी या सूप लें। तला-भुना, मसालेदार और भारी भोजन से बचें।

गर्भवती महिलाएं डेंगू से गंभीर रूप से बीमार हो सकती हैं और उनमें गर्भपात, समय से पहले प्रसव या कम वजन के बच्चे के जन्म का खतरा बढ़ सकता है। गर्भवती महिलाओं को मच्छरों से विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और डेंगू के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

ज्यादातर मामलों में, डेंगू का बुखार 2-7 दिनों में उतर जाता है। हालाँकि, थकान और कमजोरी कई हफ्तों तक रह सकती है। गंभीर डेंगू में रिकवरी में अधिक समय लग सकता है।

याद रखें: मच्छरों को पनपने से रोकना और खुद को उनके काटने से बचाना ही डेंगू से सुरक्षा का सबसे कारगर तरीका है। लक्षण दिखने पर समय पर डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी है।

 

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