Protein Deficiency: 90% भारतीयों के खाने में प्रोटीन का सही बैलेंस नहीं मिला, जाने लें क्या होगा इससे शरीर को नुकसान

By: KRISHNA PRASAD

On: Thursday, July 17, 2025 3:08 PM

Protein Deficiency:
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Protein Deficiency: आज के समय में जब भी लोग हेल्थ, फिटनेस, और बैलेंस डाइट को लेकर ज्यादा अवेयर हो रहे हैं, तभी दोस्तों एक शॉपिंग रिपोर्ट सामने आई है जिसमें की 90% भारतीय लोग अपनी डेली डाइट में सही अमाउंट का प्रोटीन नहीं ले रहे हैं। यह सिर्फ एक हेल्प स्टैटिस्टिक्स नहीं बल्कि एक साइलेंट हेल्थ क्राइसिस भी है जिसका असर हर उम्र के ग्रुप पर दिख रहा है, चाहे वे बच्चे हों, वर्किंग एडल्ट हों, या फिर बूढ़े लोग हों। प्रोटीन हमारे शरीर का बेसिक बिल्डिंग ब्लॉक है, और हमारी इंडियन थाली में इसकी कमी लगभग हर जगह देखने को मिल रही है।

इंडियन जहां पर वेजीटेरियन डायट काफी ज्यादा बड़ा है, वहां पर लोगों के लिए सफिशिएंट प्रोटीन लाना और भी दोस्तों चैलेंजिंग हो जाता है। घर का खाना भले ही टेस्टी और हेल्दी हो, लेकिन अगर उसमें प्रोटीन का बैलेंस नहीं है, तो लॉन्ग टर्म में काफी हेल्दी शूज बन सकते हैं। आज हम इसी के ऊपर पूरी डिटेल में बात करेंगे कि प्लॉटिंग डिफिशिएंसी होती क्या है, क्यों हो रही है, इसके क्या कंसीक्वेंसेस हैं, और इसका परमानेंट सॉल्यूशन क्या हो सकता है।

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Protein Deficiency: प्रोटीन की महत्वपूर्ण बॉडीबिल्डर के लिए नहीं, सभी के लिए है जरूरी

कई लोगों का मानना है कि प्रोटीन सिर्फ उन लोगों के लिए ही होता है जो कि जिम जाते हैं या फिर बॉडीबिल्डिंग करते हैं, लेकिन दोस्तों, यह सोच काफी ज्यादा गलत है। प्रोटीन हमारे शरीर के हर साल के लिए काफी जरूरी होता है। हमारे बाल, मसल्स, स्किन, नेल्स, हारमोंस, एंजाइम सब कुछ प्रोटीन से ही बनते हैं। जब हम सभी मात्रा में प्रोटीन नहीं लेते, तो दोस्तों, बॉडी का बेसिक रिपेयर सिस्टम धीरे-धीरे वीक पड़ने लगता है।

दोस्तों, अगर आप ताकत महसूस नहीं करते हैं, हेयर फॉल हो रहा है, स्किन डाल हो रही है, घाव धीरे-धीरे  भरते हैं या फिर बार-बार बीमार पड़ते हैं, तो दोस्तों, इसका मतलब होता है कि आप प्रोटीन की फांसी को कम ले रहे हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको प्रोटीन शेक्स लेने हैं, बल्कि यह समझना जरूरी है कि आपको डेली डाइट में प्रोटीन का कितना हिस्सा लेना चाहिए।

एक एडल्ट को दोस्तों एवरेज 0.8 ग्राम पर किलोग्राम बॉडी वेट के हिसाब से प्रोटीन लेना चाहिए। मतलब अगर आपका वेट 60 किलोग्राम है तो आपको डेली कम से कम 48 से 50 ग्राम का प्रोटीन चाहिए, लेकिन असलियत यह है कि ज्यादातर लोग 20-25 ग्राम से ही आगे नहीं बढ़ पाए और यह गैप ही सबसे बड़ी हेल्थ कंडीशन बन चुकी है।

इंडिया डाइट में प्रोटीन की कमी हैबिट अवेयरनेस या फिर बजट

तो दोस्तों, इंडिया में लोगों का फोकस कार्स और फैट पर ज्यादा होता है। रोटी, चावल, और सब्जी या फिर डेली थाली का कोड पार्ट है। इसमें प्रोटीन-रिच आइटम, जैसे कि दाल, पनीर, दही, एग, चिकन, या फिर स्प्राउट्स का रेशियो काफी ज्यादा काम होता है। यह कमी दोस्तों कुछ रीजन से होती है। सबसे पहले रीजन अवेयरनेस का लेग है या फिर लोग दोस्तों यह समझते हैं कि प्रोटीन के राइट का कितना इनिशियल पॉइंट है

दूसरा कारण, दोस्तों, है डायरेक्टरी हैबिट्स। कई सारे लोग वेजिटेरियन हैं, और प्लांट-बेस्ड रिसोर्सेज से पर्याप्त प्रोटीन लेना मुश्किल हो जाता है अगर केयरफुल मील प्लानिंग ना करी जाए। तीसरा रीजन हो सकता है, दोस्तों, उनका बजट। जैसे प्रोटीन रिच फूड्स की डिमांड बढ़ रही है, उनका प्राइस भी काफी ज्यादा बढ़ रहा है। मिडिल क्लास और लो-इनकम फैमिलीज के लिए प्रोटीन रिक्वायरमेंट फुलफिल करना फाइनेंशियली मुश्किल हो रहा है।

इसके अलावा एक और बड़ा रीजन है, वह है फूड मार्केटिंग का इनफ्लुएंस। लोग फास्ट फूड और प्रक्रिया नाग में इन्वेस्ट करते हैं जिसमें की टेस्ट तो होता है लेकिन न्यूट्रिशन जीरो होती है। प्रोटीन रिच होममेड ऑप्शंस की जगह अनहेल्दी जंक फूड ने लोगों के टेस्ट बर्ड्स और किचन सेल्स दोनों पर कब्जा कर लिया है।

शरीर में प्रोटीन की कमी का असर धीरे-धीरे खुलता हेल्थ सिस्टम

प्रोटीन डिफिशिएंसी का इंपैक्ट सिर्फ एक या फिर दो सिम्टम्स तक ही लिमिटेड नहीं होता। जब भी शरीर में प्रोटीन की कमी होती है तो दोस्तों इसका इफेक्ट बहुत लेयर्ड और लॉन्ग टर्म का होता है। सबसे पहले एनर्जी आपका लेवल डाउन हो जाता है; आप हर वक्त टाइड फील करते हो। उसके बाद मसल्स मास धीरे-धीरे कम होने लगता है जिसकी वजह से बॉडी का शेप भी बदल जाता है और स्ट्रेंथ भी पड़ जाती है। स्किन भी दोस्तों इससे हवेली इफेक्ट होती है; ड्राइनेस, प्रीमेच्योर रिंकल्स, और दोस्तों डलनेस देखने को मिलती है। बाल पतले हो जाते हैं, ब्रिक होने लगते हैं, या फिर गिरने लगते हैं। इम्यूनिटी लेवल आपका नीचे चला जाता है, मतलब कि बार-बार इन्फेक्शन होना, थोड़ा काम करने पर तक जाना, और बॉडी का स्टैमिना ऑलमोस्ट खत्म हो जाना।

इसका सॉल्यूशन क्या है? डेली रूटीन में प्रोटीन कैसे ऐड करें

दोस्तों, सबसे पहले जरूरी है कि लोग अपने डेली प्रोटीन रिक्वायरमेंट को समझें। हर किसी का वेट, लाइफस्टाइल, और उमर अलग-अलग होती है, इसलिए उनका प्रोटीन रिक्वायरमेंट भी उनका यूनिक ही होता है। बेसिक रूल यह है कि आप अपने वेट के हिसाब से प्रोटीन इनटेक का कैलकुलेशन करें और उसके बाद डेली खाने में उन फूड्स को शामिल करें जो प्रोटीन रिच हैं।

आप वेजिटेरियन हैं तो आपके पास भी कई सारे ऑप्शन हैं जैसे कि पनीरी, मिल्क, सोय सोया चंक्सफू, चना, राजमा, मूं मूंग दाल, मसूर दाल, और दोस्तों, सीड्स। अगर आप नॉन-वेजिटेरियन हैं तो अंडाकन, फिश, और मटन मटन आपके लिए इजी और कंप्लीट प्रोटीन सोर्सें।

अगर दोस्तों आपकी लाइफ लाइफस्टाइल बहुत ही ज्यादा बिजी है तो प्रोटीन सप्लीमेंट भी एक ऑप्शन हो सकता है, जिससे कि वह प्रोटीन प्लांट प्रोटीन या फिर प्रोटीन बार से लेकर याद रहे कि यह सप्लीमेंट तभी लेना चाहिए जब आप नेचुरल रिसोर्सेज से अपनी रिटायरमेंट पूरी नहीं कर पा रहे हो। कभी भी अंधे होकर सप्लीमेंट पर डिपेंड मत होने जाना।

जागरूकता ही असली समाधान है। हर घर में प्रोटीन की बात होनी चाहिए

दोस्तों, सरकारी लेवल पर न्यूट्रिशन प्रोग्राम चल रहे हैं, लेकिन जब तक अवेयरनेस इंडिविजुअल लेवल पर नहीं आएगी, तब तक प्रॉब्लम सॉल्व भी नहीं होगी। स्कूल में बच्चों को प्रोटीन के बारे में बताया जाना चाहिए, फैमिलीज में मदर को एजुकेट करना चाहिए, और फूड इंडस्ट्री को भी सस्ते और एक्सेसिबल प्रोटीन रिप्रोडक्शन को मार्केट में लाना चाहिए।

सोशल मीडिया पर सिर्फ वेट लॉस और कैलोरी काउंट करने की जगह प्रोटीन अवेयरनेस कैंपेन होने चाहिए। इन्फ्लुएंस और हेल्थ कोचिंग कोे जरिए यह मैसेज देना चाहिए कि प्रोटीन से फिल्म के लोगों के लिए इनेबल किया गया है और हर घर के मेंबर के लिए जरूरी है। जब तक लोग इस बात को को जानेंगे नह तब तक चेंज सुपरफास्ट नहीं होगा।

निष्कर्ष: एक हेल्थी भारत का सपना तभी पूरा होगा जब हर प्लेट में प्रोटीन होगा।

दोस्तों, प्रोटीन डिफिशिएंसी एक ऐसी समस्या है जो की दिखाई नहीं देती लेकिन अंदर ही अंदर शरीर को काफी ज्यादा कमजोर बनाती है। इंडिया, जहां पर उसे पापुलेशन ज्यादा है, वहां पर अगर लोग प्रोटीन से डिप्राइव्ड होंगे तो लॉन्ग-term प्रोडक्टिविटी, इम्यूनिटी, और नेशनल हेल्थ सिस्टम पर भी काफी ज्यादा बटन पड़ेगा। हर इंडिविजुअल को चाहिए कि वह अपनी और अपने परिवार की डाइटरी नीड्स को समझें और अपने रूटीन में प्रोटीन को सही बैलेंस से ले और अपने खाने को न्यूट्रिशन रिच बनाए।

क्सर पूछे जाने वाले प्रश्न – भारत में प्रोटीन की कमी FAQs

 Q1.  भारत में प्रोटीन की कमी क्यों ज्यादा है?

क्योंकि लोगों का आहार कार्ब्स-हैवी है और प्रोटीन का सेवन कम होता है।

Q2.  प्रोटीन की कमी से क्या होता है?

थकन, बालों का झड़ना, कमजोर प्रतिरक्षा, मांसपेशियों का नुकसान और धीमी गति से ठीक होना।

Q3.  रोज़ कितना प्रोटीन लेना चाहिए?

हर दिन लगभग 0.8 ग्राम प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के हिसाब से।

 Q4.  शाकाहारी लोग प्रोटीन कहाँ से ले सकते हैं?

 पनीर, दही, दाल, सोया, चना, राजमा और अंकुरित अनाज से।

KRISHNA PRASAD

I am Krishna Prasad Registered Pharmacist (Allopathic Medicine) Medical Professional & YouTube Founder of Upchar Wala
For Feedback -upcharwala5@gmail.com

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